Thursday, October 9, 2025
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ट्रेन से अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण, जानिए भारत के लिए क्यों खास है ये उपलब्धि

इस सफल परीक्षण का मतलब है कि भारत अब रूस, अमेरिका और चीन जैसे विशिष्ट देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो रेलकार आधारित इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) को दागने में सक्षम हैं।

भारत ने मध्यम दूरी की अग्नि प्राइम मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है और इसका वीडियो भी साझा किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार देर रात एक्स पर इसकी घोषणा की। अगर एक लिहाज से देखें तो भारत के लिए हथियारों का परीक्षण अपने आप में कोई नई बात नहीं है। ऐसा इसलिए कि भारत के पास कई छोटी, मध्यम और लंबी दूरी की मिसाइलों का भंडार है। इसके बावजूद ताजा परीक्षण बेहद खास है।

ऐसा इसलिए क्योंकि परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अगली पीढ़ी के इस हथियार की मारक क्षमता 2,000 किलोमीटर है, और सबसे खास बात ये कि इसे ट्रेन पर लगाए गए मोबाइल लॉन्चर की मदद से दागा गया। सीधे शब्दों में कहें तो ट्रेन से ये परीक्षण किया गया और सफल रहा।

भारत के लिए क्यों खास है ये उपलब्धि

इस सफल प्रक्षेपण का मतलब है कि भारत अब रूस, अमेरिका और चीन जैसे विशिष्ट देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो रेलकार आधारित इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) को दागने में सक्षम हैं। उत्तर कोरिया ने भी ऐसी ही क्षमता का दावा 2021 में किया था। उसने कहा था कि ‘रेलवे-जनित प्रणाली’ से प्रक्षेपित उसकी मिसाइलें 800 किमी की दूरी तय तक देश के पूर्वी तट पर स्थित लक्ष्य पर प्रहार करने में कामयाब रहीं। जापानी और दक्षिण कोरियाई राडार ने लॉन्च की पुष्टि की, हालाँकि इसे किन प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया गया था, इसकी पुष्टि उनकी ओर से नहीं की जा सकी थी।

बहरहाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत की ताजा उपलब्धि की जानकारी देते हुए एक्स पर लिखा, ‘भारत ने रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर प्रणाली से मध्यम दूरी की अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया है। यह अगली पीढ़ी की मिसाइल 2000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता के लिए डिजाइन की गई है और कई उन्नत फीचर से लैस है। विशेष रूप से डिजाइन किए गए रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर से किया गया अपनी तरह का पहला प्रक्षेपण, बिना किसी पूर्व शर्त के रेल नेटवर्क पर चलने की क्षमता रखता है, जिससे यूजर को देश भर में इसे ले जाने की सुविधा प्राप्त होती है और कम दृश्यता के साथ बेहद कम समय में प्रक्षेपण करने की सुविधा मिलती है।’

रक्षा मंत्री ने आगे लिखा, ‘मध्यम दूरी की अग्नि-प्राइम मिसाइल के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ, स्ट्रेटजिक फोर्सेस कमांड (SFC) और सशस्त्र बलों को बधाई। इस सफल परीक्षण ने भारत को उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है जिनके पास चलते-फिरते रेल नेटवर्क से कैनिस्टराइज्ड प्रक्षेपण प्रणाली विकसित करने की क्षमता है।’

रेल आधारित अग्नि प्राइम, क्या है इसके मायने?

इसका सीधा मतलब है कि भारतीय सेना अब अग्नि प्राइम मिसाइल (और अन्य उपयुक्त प्रोजेक्टाइलों) को देश के सबसे दूर वाले हिस्सों से बिना सड़क सपोर्ट के भी प्रक्षेपित कर सकती है। सेना को बस प्रक्षेपण स्थल तक जाने वाली एक रेल पटरी की जरूरत है। यहां ये भी जानना जरूरी है कि पिछले साल मार्च तक लगभग 70,000 किलोमीटर की लंबी पटरियों के साथ भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क रखता है। ताजा सफल परीक्षण का एक फायदा ये भी है कि सेना दुश्मन से आने वाले निशाने से अपनी मिसाइलों को रेल सुरंगों में छिपा सकती है।

वैसे इस तकनीक में कुछ सीमाएं भी हैं। सबसे स्पष्ट सीमा तो ट्रैक ही है। मिसाइलें केवल रेलवे ट्रैक से ही दागी जा सकती हैं, यानी अगर प्रक्षेपण स्थल तक कोई रेल लाइन नहीं है, तो यह प्रणाली बेकार है। इसके अलावा, आज मिसाइलों और मिसाइल प्रणालियों को संचालित करने वाली उन्नत तकनीक को देखते हुए अक्सर इन्हें सटीक स्थानों से दागना पड़ता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि केवल लक्ष्य ही भेदा जाए।

रेल-आधारित लॉन्चर हमेशा उतनी सटीकता प्रदान नहीं करते। इसके अतिरिक्त, रेल पटरियों को इससे नुकसान भी हो सकता है, जो किसी बड़ी युद्ध के समय एक चिंता का विषय होगा। हालांकि, इसके बावजूद रेल-आधारित लॉन्चर अहम हैं क्योंकि वे दुश्मन के खतरों का जवाब देने और देश की रक्षा करने में सेना को अधिक विकल्प प्रदान करते हैं।

बताते चलें कि संभवतः रेल पटरियों से मिसाइल दागने का पहला उदाहरण 1980 के दशक में पूर्व सोवियत संघ में मिला था। उसने अपनी तीन-चरणीय, ठोस ईंधन वाली ICBM, RT-23 मोलोडेट्स विशेष ट्रेनों से दागी थी। भारत की अग्नि प्राइम की तरह, मोलोडेट्स भी परमाणु हथियार ले जा सकती थी।

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
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