भोपाल: कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित टिप्पणी करने वाले मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने एक बार फिर से माफी मांगी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर कैप्शन भी माफीनामा लिखा है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह को सोमवार को कड़ी फटकार लगाई थी। इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि कई बार लोग मगरमच्छ के आंसू वाली भी माफी मांगते हैं। कोर्ट ने कहा था कि मंत्री को उचित माफी मांगकर या माफी के साथ खेद व्यक्त करके खुद को सही साबित करना चाहिए था। साथ ही कोर्ट ने जांच के लिए एसआईटी (SIT) गठित करने का आदेश दिया था, जो 28 मई तक स्टेटस रिपोर्ट पेश करेगी। इससे पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर डीजीपी को मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था।
सोशल मीडिया पर शेयर किया पोस्ट
‘एक्स’ पर जारी किए अपने माफीनामे में मध्य प्रदेश के मंत्री ने लिखा, ‘जय हिन्द, पिछले दिनों पहलगाम में हुए जघन्य हत्याकांड से मैं मन से बहुत दुखी और विचलित हूं। मेरा राष्ट्र के प्रति अपार प्रेम और भारतीय सेना के प्रति आदर एवं सम्मान हमेशा रहा है। मेरे द्वारा कहे गए शब्दों से समुदाय, धर्म, देशवासियों को दुख पहुंचा है, यह मेरी भाषाई भूल थी। मेरा आशय किसी भी धर्म, जाति या समुदाय को ठेस पहुंचाने, आहत करने का नही था। मैं भूलवश अपने द्वारा कहे गए शब्दों के लिए पूरी भारतीय सेना से, बहन कर्नल सोफिया से, एवं समस्त देशवासियो से पूरी तरह से क्षमा प्रार्थी हूं और फिर से हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं। ‘
जयहिन्द,
पिछले दिनों पहलगाम में हुए जघन्य हत्याकांड से मैं मन से बहुत दुखी एवं विचलित हूँ, मेरा राष्ट्र के प्रति अपार प्रेम और भारतीय सेना के प्रति आदर एवं सम्मान हमेशा रहा है।
मेरे द्वारा कहे गये शब्दो से समुदाय, धर्म, देशवासियो को दुख पहुँचा है, यह मेरी भाषाई भूल थी, pic.twitter.com/3dU0Jt4QF6
— Dr. Kunwar Vijay Shah (@KrVijayShah) May 23, 2025
एसआईटी हुआ गठन
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एमपी सीआईडी ने एसआईटी का गठन किया है, जिसमें आईजी प्रमोद शर्मा, डीआईजी कल्याण चक्रवर्ती, डिंडोरी एसपी वाहिनी सिंह को शामिल किया गया है। सीआईडी ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं।
खुद ही पहुंचे थे सुप्रीम कोर्ट
पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले संज्ञान लेकर में एफआईआर करने के आदेश दिए थे। उसके बाद एफआईआर करने में लीपापोती की गई। पहले तो देर से एफआईआर दर्ज की गई। दूसरा बजिस तरह की एफआईआर दर्ज की गई थी। उस पर भी मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अपनी नाराजगी जताई थी। इसके बाद पूरा मामला लेकर विजय शाह सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंचे थे। सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें फटकार लगाई थी। हालांकि एसआईटी को मामले की जांच सौपी है।