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बेंगलुरु के बाद देश में दूसरी सिलिकॉन वैली बनाने की तैयारी! 500 एकड़ में बन सकती है टाउनशिप, जानें सरकार का प्लान?

नई दिल्ली: भारत की सिलिकॉन वैली के रूप में बेंगलुरु पहले से ही फेमस है। लेकिन अब भारत में एक और सिलिकॉन वैली बनाने की तैयारी की जा रही है।

सोमवार को कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल ने एक कार्यक्रम में स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स को मदद करने के लिए देश में एक नई सिलिकॉन वैली बनाने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा है कि नई टाउनशिप 500 एकड़ के क्षेत्र में बनाई जा सकती है।

पीयूष गोयल ने आगे कहा है कि इससे उन स्टार्टअप्स और इनोवेटर्सों को मदद मिलेगी जिनके पास ज्यादा सुविधाएं मौजूद नहीं होती है। हालांकि अभी यह साफ नहीं हुआ है कि यह टाउनशिप कहां बनाई जाएगी।

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने इनक्यूबेटर, नीति निर्माताओं और अन्य हितधारकों के बीच अच्छी तालमेल और बेहतर तरीके से कारोबार संचालन को ध्यान में रखते हुए भास्कर नामक एक पोर्टल को भी लॉन्च किया है।

पीयूष गोयल ने क्या कहा है

कार्यक्रम में बोलते हुए पीयूष गोयल ने कहा है कि “हमें इससे आगे जाने की आकांक्षा रखनी चाहिए। हमें अपनी खुद की सिलिकॉन वैली बनाने की आकांक्षा रखनी चाहिए… मैं जानता हूं कि बेंगलुरु भारत की सिलिकॉन वैली है, लेकिन अब समय आ गया है कि हम एनआईसीडीसी के साथ सहयोग करने और उद्यमियों, स्टार्टअप्स, इनोवेटर्स आदि को समर्पित एक नई टाउनशिप बनाने के बारे में सोचना शुरू करें।”

भारत की नई सिलिकॉन वैली की सुविधाओं के बारे में बोलते हुए पीयूष गोयल ने आगे कहा, “क्या हम ऐसा इकोसिस्टम बना सकते हैं जहां इनक्यूबेटर मौजूद हों…या जहां बहुत दूर से कोई व्यक्ति किसी आइडिया के साथ आ सके, लेकिन बिजनस की दुनिया में उसका कोई कनेक्शन न हो…जैसे लोग पहले मुंबई जाते थे।”

इन्वेस्ट इंडिया जैसी संस्था भी बनाने पर दिया जोर

पीयूष गोयल ने नई टाउनशिप को राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) के सहयोग से बनाने का सुझाव दिया है। एनआईसीडीसी देश में नए औद्योगिक शहरों के विकास को रूप देता है।

केंद्रीय मंत्री ने भारत के तेजी से बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम में संसाधनों के कमी को दूर करने के लिए इन्वेस्ट इंडिया जैसी एक गैर-लाभकारी संस्था भी बनाने पर जोर दिया है।

वर्तमान में भारत में 1.4 लाख से अधिक DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप मौजूद हैं। अधिकारियों के अनुसार, देश में 1.4 लाख से अधिक स्टार्टअप के मौजूद होने के कारण करीब एक करोड़ युवाओं को इससे रोजगार मिला है।

क्यों बनाया गया है भास्कर पोर्टल

भास्कर पोर्टल को लॉन्च करने के पीछे भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने का उद्देश्य है। भारत जो दुनिया के स्टार्टअप इकोसिस्टम में तीसरे स्थान पर है, इस तरह के पोर्टल उसके विकास को और गति देंगे।

भास्कर स्टार्टअप, निवेशकों, सलाहकारों, सर्विस प्रोवाइडरों और नियामक निकायों सहित प्रमुख हितधारकों के बीच सहयोग को केंद्रीकृत करेगा और इसे और भी बेहतर बनाएगा।

हर हितधारक को एक भास्कर आईडी जारी कर पोर्टल का उद्देश्य प्लेटफॉर्म पर बातचीत को सहज बनाना, खोजने की प्रक्रिया को आसान करना और नए अवसरों की खोज को और भी सरल बनाना है। यही नहीं इसका प्राथमिक उद्देश्य स्टार्टअप इकोसिस्टम प्रतिभागियों को लेकर दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल रजिस्ट्री भी बनाना है।

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