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लुधियाना वेस्ट से ‘आप’ के संजय अरोड़ा की जीत के बाद अब राज्य सभा पर नजरें, उच्च सदन में किसे भेजेगी पार्टी?

नई दिल्ली: पंजाब के लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की एक बार फिर जीत हुई है। पार्टी के उम्मीदवार संजय अरोड़ सोमवार को आए नतीजों में 10,637 वोट से जीत हासिल करने में कामयाब रहे। ‘आप’ के मौजूदा राज्यसभा सांसद और उद्योगपति अरोड़ा ने कांग्रेस के भारत भूषण आशु को हराया, जो पूर्व मंत्री और दो बार विधायक रह चुके हैं। 

हिंदू मतदाताओं के वर्चस्व वाले शहरी निर्वाचन क्षेत्र लुधियाना पश्चिम से आशु की यह लगातार दूसरी हार थी। वहीं, इस चुनाव से ये संकेत भी मिला कि अकाली दल की गिरावट जारी है। यह पार्टी भाजपा से भी पीछे चौथे स्थान पर रही। इससे पहले 2022 के विधानसभा चुनाव में ‘आप’ के गुरप्रीत बस्सी गोगी ने लुधियाना पश्चिम से आशु को हराकर जीत हासिल की थी। गोगी के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराना पड़ा।

बहरहाल, ‘आप’ की यह जीत पार्टी के लिए राहत की बात है, जो दिल्ली में भाजपा के हाथों सत्ता गवां चुकी है। यहां तक ​​कि पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी अपनी सीट हार गए थे। दूसरी ओर पंजाब में भगवंत मान सरकार भी लगातार विवादों और समस्याओं से घिरी हुई नजर आती रही है। अब सवाल ये भी उठ रहे हैं कि संजय अरोड़ा के विधानसभा जाने के बाद पार्टी किसे राज्य सभा भेजेगी।

पंजाब से अब राज्य सभा किसे भेजेगी आम आदमी पार्टी?

संजय अरोड़ा के चुनाव लड़ने की खबर आने के बाद से ही पिछले कई महीनों से विपक्ष ये कहता रहा है कि ये सबकुछ अरविंद केजरीवाल को राज्य सभा भेजने के लिए किया गया है। मीडिया में भी इसे लेकर खबरें चली। हालांकि, तब केजरीवाल ने इससे इनकार किया था। केजरीवाल ने सोमवार को भी नतीजे आने के बाद खुद के राज्य सभा जाने की अटकलों को खारिज किया।

केजरीवाल ने नतीजे आने के बाद दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हमारी राजनीतिक मामलों की समिति तय करेगी कि कौन राज्यसभा जाएगा। लेकिन मैं वह व्यक्ति नहीं हूं।’

बहरहाल, केजरीवाल के बयान के बाद अब अटकलें इस बात पर केंद्रित हो गई हैं कि पार्टी अरोड़ा की खाली हुई सीट से किसे राज्यसभा भेजेगी। फिलहाल इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।

तो टेस्ट में पास हुए भगवंत मान…

लुधियाना पश्चिम उपचुनाव में आप की जीत कई मायनों में अहम है। यह जीत दिल्ली में मिली हार के बाद आई है। कई चुनावी विश्लेषक इस चुनाव को इस बात की परीक्षा के तौर पर देख रहे थे कि क्या पार्टी वापसी कर सकती है। आप भी इस चुनाव की तैयारी में काफी पहले लग गई थी। पार्टी संजय अरोड़ा का नाम बतौर उम्मीदवार चुनाव की घोषणा से काफी पहले ही कर दिया था। 

इसके अलावा पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर महीनों से प्रदर्शन कर रहे पर किसानों को जिस तरह रातों रात हटा दिया गया, उसे भी अहम कदम माना जा रहा है। दरअसल, लुधियाना सहित कई व्यापारिक समुदाय और उद्योगपतियों ने हाईवे के बंद होने से अपने बढ़ते घाटे को लेकर AAP सरकार से शिकायत की थी। केजरीवाल ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि जल्द समाधान निकलेगा।

लुधियाना पश्चिम में अगर आप को हार मिलती तो जाहिर तौर पर विपक्ष का हौसला और बढ़ जाता। पंजाब की भगवंत मान सरकार पहले ही दिल्ली से या केजरीवाल के हाथों नियंत्रित होने, वीवीआईपी कल्चर में लिप्त होने, ड्रग्स की समस्या से निपटने में विफल रहने और महिलाओं के लिए नकद योजना जैसे चुनाव पूर्व वादों को पूरा करने में विफल रहने जैसे आरोपों का सामना कर रही है। 

नतीजे घोषित होने के बाद सीएम मान ने कहा, ‘यह जीत दर्शाती है कि पंजाब के लोग हमारी सरकार के कामकाज से बेहद खुश हैं। हम पंजाब की तरक्की और विकास के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। हम उपचुनाव के दौरान किए गए हर वादे को पूरा करेंगे।’ वहीं, अरोड़ा ने कहा, ‘यह लुधियाना के लोगों की जीत है। मैं आपसे वादा करता हूं कि आपने मुझ पर जो भरोसा जताया है, मैं उस पर पूरी तरह खरा उतरूंगा।’

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