Sunday, October 12, 2025
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अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर भारी संघर्ष, 58 पाक सैनिकों की मौत, 20 चौकियां नष्ट; 9 अफगान सैनिक भी हताहत

सऊदी अरब और कतर ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव और झड़पों पर गहरी चिंता जताई है। दोनों देशों ने सभी पक्षों से संयम बरतने और हालात को बिगड़ने से रोकने की अपील की है।

पाकिस्तान और तालिबान के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। दोनों देशों के बीच सीमा पर लगातार गोलीबारी हो रही है। पाकिस्तान के हालिया हवाई हमले के जवाब में तालिबान ने पिछले 48 घंटे में पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर कई हमले किए हैं।

तालिबान शासन के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने रविवार को दावा किया कि डूरंड रेखा के पास अफगान बलों द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 30 घायल हुए। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की 20 चौकियां नष्ट कर दी गईं और बड़ी मात्रा में हथियार जब्त किए गए। इससे पहले खैबर पख्तूनख्वा में एक पुलिस प्रशिक्षण केंद्र को निशाना बनाया था जिसमें कई पुलिसकर्मी मारे गए थे।

मुजाहिद ने बताया कि इस कार्रवाई में 9 अफगान सैनिक भी मारे गए और 16 घायल हुए। उन्होंने कहा कि शनिवार रात शुरू हुई यह सैन्य कार्रवाई आधी रात को सऊदी अरब और कतर के अनुरोध पर रोक दी गई।

टोलो न्यूज के अनुसार, मुजाहिद ने आगे दावा किया कि अफगानिस्तान में आईएसआईएस-के की हार के बाद उसके प्रशिक्षण केंद्र पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में स्थापित किए गए हैं। उनके मुताबिक, “आईएसआईएस-के के ट्रेनिंग कैंप खैबर पख्तूनख्वा में बनाए गए हैं और वहां प्रशिक्षुओं को कराची और इस्लामाबाद हवाईअड्डों के जरिए लाया जा रहा है। हमारी जांच से पता चला है कि ईरान और मॉस्को में हुए हालिया हमलों की साज़िश भी इन्हीं ठिकानों से रची गई थी।”

मुजाहिद ने पाकिस्तान से मांग की कि वह आईएसआईएस के प्रमुख सदस्यों को अफगान सरकार के हवाले करे। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का अनुरोध किया था, लेकिन 9 अक्टूबर की रात पाकिस्तान द्वारा किए गए हवाई हमलों के बाद तालिबान सरकार ने यह अनुरोध ठुकरा दिया।

गुरुवार के हमलों के जवाब में अफगान बलों ने शनिवार को डूरंड रेखा के आसपास पाकिस्तानी ठिकानों पर हमला किया। मुजाहिद ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान की संप्रभुता के किसी भी उल्लंघन का जवाब दिया जाएगा।

इससे पहले, पाकिस्तान के हवाई हमलों की निंदा करते हुए तालिबान-शासित अफगान रक्षा मंत्रालय ने इन्हें अफगान संप्रभुता का उल्लंघन बताया था। मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्लाह खोराजमी ने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर पाकिस्तान ने दोबारा अफगान हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया, तो हमारी सेना जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। हम अपने हवाई क्षेत्र की रक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे।”

पाकिस्तान ने क्या कहा?

अफगान मंत्रालय ने बताया कि हेलमंद और कुनार प्रांतों में पाकिस्तानी चौकियों पर कब्जा किया गया है। वहीं, पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि उनकी सेना ने अफगानिस्तान की कई चौकियों को नष्ट कर दिया है।

वहीं, पाकिस्तान की ओर से समाचार एजेंसी एएफपी को दिए बयान में खैबर पख्तूनख्वा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “तालिबान बलों ने शनिवार शाम पहले हल्के और फिर भारी हथियारों से हमला शुरू किया। हमने जवाबी कार्रवाई में चार स्थानों पर तोपखाने का इस्तेमाल किया और तीन अफगान ड्रोन गिराए जो विस्फोटक से लैस थे।” अधिकारी ने बताया कि दोनों ओर से लगातार गोलीबारी हो रही है, लेकिन अभी तक किसी नागरिक हताहत की पुष्टि नहीं हुई है।

अफगानिस्तान के हमले पर पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी ने तालिबानी सरकार को कड़ी चेतावनी दी है। नकवी ने कहा कि अफगानिस्तान आग और खून का खेल खेल रहा है। अफगानिस्तान को ऐसा जवाब दिया जाएगा जैसा भारत को दिया गया था।

नकवी ने अफगान बलों द्वारा पाकिस्तान की सीमा पर की गई “बिना किसी उकसावे” वाली गोलीबारी की घटनाओं की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि अफगान सेना द्वारा नागरिक इलाकों को निशाना बनाना अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन है।

नकवी ने कहा, “पाकिस्तान की बहादुर सेनाओं ने यह साबित कर दिया है कि किसी भी उकसावे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमारे जवाब तेज और सटीक हैं। पाकिस्तानी सेना सतर्क है और अफगानिस्तान को हर ईंट का जवाब पत्थर से दिया जा रहा है।”

मोहसिन नकवी ने कहा, अफगानिस्तान को भी वही सबक सिखाया जाएगा जो पाकिस्तान ने भारत को दिया था, ताकि वह फिर कभी पाकिस्तान की ओर गलत नजर से देखने की हिम्मत न करे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की जनता अपनी सशस्त्र सेनाओं के साथ लोहे की दीवार की तरह खड़ी है। हम हर हमले का मुंहतोड़ जवाब देंगे।

काबुल पर पाकिस्तान के हवाई हमले के बाद जवाबी कार्रवाई

पाकिस्तान ने हाल ही में काबुल के पास हवाई हमले किए थे। दो दिन पहले राजधानी काबुल और दक्षिण-पूर्वी अफगानिस्तान में जोरदार धमाके हुए थे, जिनका आरोप अफगान ने पाकिस्तान पर लगाया था। पाकिस्तान के एयरस्ट्राइक के बाद तालिबान ने 24 घंटे के भीतर पाकिस्तान के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर पर जवाबी हमला किया। अफगानिस्तान के अधिकारियों के अनुसार, तालिबान लड़ाकों ने पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर हमला किया।

इसके साथ ही तालिबानी अधिकारियों ने पाकिस्तान पर काबुल और अन्य क्षेत्रों को निशाना बनाकर हवाई हमले करके अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने भारत यात्रा के दौरान कहा था, “पाकिस्तान का यह कदम गलत है। अफगानिस्तान ने 40 साल बाद शांति और स्थिरता हासिल की है। अफगानों की हिम्मत की परीक्षा मत लो। सोवियत संघ, अमेरिका और नाटो से पूछ लो, उन्होंने क्या पाया अफगानिस्तान को चुनौती देकर।”

पाकिस्तान ने हालांकि हमलों की जिम्मेदारी से इनकार किया, लेकिन काबुल से कहा कि वह पाकिस्तानी तालिबान (टीटीपी) को अपनी जमीन पर शरण न दे। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान में मौजूद टीटीपी के आतंकियों ने 2021 के बाद से सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या की है।

सीमा पर झड़प बंद होने को लेकर रविवार सुबह तक, पाकिस्तान की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों पक्षों के बीच स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और यह और गंभीर हो सकती है।

कतर और सऊदी अरब ने क्या कहा?

सऊदी अरब और कतर ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव और झड़पों पर गहरी चिंता जताई है। दोनों देशों ने सभी पक्षों से संयम बरतने और हालात को बिगड़ने से रोकने की अपील की है।

सऊदी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि वह “पाकिस्तान-अफगान सीमा पर बढ़ते तनाव को चिंता से देख रहा है” और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए बातचीत और कूटनीतिक समाधान की आवश्यकता है।

हाल ही में सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच एक रक्षा समझौता हुआ है, जिसके तहत किसी एक देश पर हमला दोनों पर हमले के समान माना जाएगा।

इसी तरह, कतर के विदेश मंत्रालय ने भी सीमा संघर्षों पर चिंता जताते हुए दोनों देशों से बातचीत और कूटनीति के ज़रिए विवाद सुलझाने की अपील की है।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.in
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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