Saturday, October 11, 2025
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बांग्लादेश में 49 अल्पसंख्यक शिक्षकों को इस्तीफा देने के लिए किया गया मजबूरः रिपोर्ट

ढाकाः शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद से बांग्लादेश में हिंदू सहित अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाया जा रहा है। इस बीच हिंदू, बौद्ध और ईसाई शिक्षकों से जबरन इस्तीफा देने को मजबूर करने का मामला सामने आया है। स्थानीय खबरों के मुताबिक, 49 अल्पसंख्यक शिक्षकों का इस्तीफा ले लिया गया है।

द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश हिंदू बुद्धिस्ट क्रिश्चन ओइक्या परिषद की छात्र शाखा बांग्लादेश छात्र ओइक्या परिषद ने शनिवार को जातीय प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।

संगठन के संयोजक साजिब सरकार ने कहा कि शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों को हिंसा का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा, इसमें लूटपाट, महिलाओं पर हमले, मंदिरों में तोड़फोड़, घरों और कार्यस्थलों पर आगजनी यहां तक कि हत्याएं भी शामिल हैं।

साजिब सरकार ने आगे खुलासा किया कि देश भर में अल्पसंख्यक शिक्षकों को शारीरिक हमलों का सामना करना पड़ा जिसके कारण 30 अगस्त तक कम से कम 49 शिक्षकों को जबरन इस्तीफा देना पड़ा। हालांकि, उनमें से 19 शिक्षकों को दोबारा बहाल कर दिया गया है।

शेख हसीना की सरकार को पिछले महीने छात्रों के नेतृत्व वाले हिंसक कोटा विरोधी प्रदर्शनों के बाद पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था, जिसमें 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।

अल्पसंख्यकों अपने ऊपर लगातार हो रहे हमले के कारण भय और दहशत में जी रहे हैं। इस कारण वे अवैध तरीकों से भारत का रुख कर रहे हैं। लिहाजा यूनुस सरकार ने भारत से लगती सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है।

बता दें  कि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने शपथ लेने के बाद कहा था कि वह संविधान की मर्यादा बनाए रखेंगे, लोगों का समर्थन और उनकी रक्षा करेंगे और ईमानदारी से कर्तव्यों का पालन करेंगे। तब बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी थी। शेख हसीना के ढाका छोड़ने के बाद देश में असामाजिक तत्वों ने अशांति फैलाई और हिंदुओं के घरों तथा पूजा स्थलों को निशाना बनाया।

देश के 23 धार्मिक संगठनों के एक राष्ट्रीय गठबंधन, बांग्लादेश जातीय हिंदू मोहजोत (बीजेएचएम) ने कहा कि 5 अगस्त के बाद से देश के 48 जिलों में 278 स्थानों पर हिंदू परिवारों को हिंसा और बर्बरता का सामना करना पड़ा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की स्थिरता और विकास के लिए भारत के समर्थन को भी दोहराया। उन्होंने कहा आने वाले दिनों में हम हमेशा बांग्लादेश की ‘विकास यात्रा’ के लिए शुभकामनाएं देंगे क्योंकि हम मानव जाति के शुभचिंतक हैं।

–आईएएनएस इनपुट के साथ

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